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महानवमी के बाद सिंदूर खेला और मूर्ति विसर्जन 2 Oct, को

उत्तराखंड: 01 Oct. 30 सितंबर. 2025, बुधवार को देहरादून / राजधानी स्थित उत्तराखंड में  आज, 01 अक्टूबर 2025 को महानवमी के पावन अवसर पर, देशभर के विभिन्न शहरों में बने पूजा पंडालों में बड़े पैमाने पर भंडारों का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर भक्तजन माँ सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना के बाद कन्या पूजन करते हैं, जिसके बाद प्रसाद के रूप में भंडारे का वितरण किया  महानवमी के अवसर पर   कई दून  के  स्थानों पर हवन, कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने दुर्गा मंडपों में  भंडारों में भक्तों को हलवा-पूरी, चना और अन्य पकवानों का प्रसाद वितरित किया । वही साथ ही पंडालों में मूर्ति विसर्जन 2 अक्टूबर को होना है, वहां आज ही हवन किया गया।आज महानवमी को   दुर्गा पूजा के पंडालों में महानवमी के अवसर पर बलि की जाएगी, जिसके बाद पूजन हवन भी होगा, और इस दिन भक्त देवी दुर्गा के साथ ही लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा करते हैं।  यह राक्षस राजा महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का उत्सव है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

 इस महानवी के शुभ अवसर पर पंडालो में दुर्गा की महाआरती और धुनों नाच में माँ के आगे नृत्य करके माँ को प्रसन्न किया और उज्जवल भविष्य व स्वास्थ्य की कामना की । करनपुर देहरादून में बंगाली लाइब्रेरी दुर्गा पूजा समिति द्वारा बंगाली लाइब्रेरी में 103 वीं दुर्गा पूजा, व उत्तरायण काली बाड़ी में मॉडल कॉलोनी आराघर में 45वी दूर्गा पूजा महोत्सव, एवं श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर करनपुर बाजार में श्री श्री दुर्गा पूजा महोत्सव बजरंग सेवा समिति द्वारा आयोजित 35वीं दुर्गा पूजा महोत्सव में आज महानवी के दिन कन्या पूजन के साथ भण्डारे का आयोजिन किया जिसमें सैकड़ो भक्तो ने भंडारे में भोग प्रदासा ग्रहण किया।

वही दूसरी ओर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर करनपुर बाजार में श्री श्री दुर्गा पूजा महोत्सव बजरंग सेवा समिति द्वारा आयोजित 35वीं दुर्गा पूजा महोत्सव   के मीडिया प्रभारी एव पूर्व अध्यक्ष सोमपाल सिंह ने बताया कि    शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025 को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से हो चुकी है, और दुर्गा पूजा का मुख्य समारोह षष्ठी तिथि 28 सितंबर से  विजयादशमी 2 अक्तूबर 2025  तक मनाया जाएगा।

पांच दिन की इस दुर्गा पूजा में प्रत्येक दिन की अपनी विशेष महत्व और रस्में होती हैं। षष्ठी से लेकर दशमी तक भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं,   देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना के साथ-साथ पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों, भजन-कीर्तन और रंगारंग झांकियों के लिए जाना जाता है।शारदीय नवरात्रि बड़े हर्षोल्लास से मनाई जाती है। देहरादून जिले में मूर्ति विसर्जन का सिलसिला कल से शुरू होगा। इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।विसर्जन स्थलों पर सिविल पुलिस के अलावा पीएसी, आरएएफ और जल पुलिस के जवान भी मुस्तैद रहेंगे।

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