
उत्तराखण्ड : 11 मार्च 2025 ,देहरादून। बिजली बोर्ड के निजीकरण एव स्मार्ट मीटर के विरोध में सीपीआई (एम) ने विधुत मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुये धरना दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियो का कहना था की उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार बिजली का सम्पूर्ण तरह से निजीकरण करने जा रहीं हैं जिसका सीधा नुकसान राज्य की गरीब, किसान, मजदूरों एव मध्यवर्गीय परिवारों को होगा, यही नहीं स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जो बड़े बड़े दावे किये जा रहे हैं, कि उपभोक्ताओं को सुविधा होगी तथा बिजली के बिल भी सही आयेगे एक तरह से सरकार का धोखा है।
आज प्रातः भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से जुड़े अनेक कार्यकर्ता उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के मुख्याल भवन विक्टोरिया क्रास विजेता गबर सिंह ऊर्जा भवन, काँवली रोड़ पहुंचे, जहां उन्होंने बिजली बोर्ड के निजीकरण एव स्मार्ट मीटर के विरोध में प्रदर्शन किया और मुख्याल गेट पर धरना दिया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियो की सभा को सम्बोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा की आज पूरे देश में बिजली क्षेत्र में निजी कम्पनिया खुली लूट कर रहीं हैं। एक अनुमान के अनुसार स्मार्ट मीटर की कीमत 7500-10500 रुपये हैं, जिसकी कीमत भी जनता को चुकानी होंगी, इस प्रकार महगी बिजली तथा जोर जबरदस्ती थोपा गया स्मार्ट मीटर तथा बिना सहमति के क़ानूनी मीटर बंद किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा की केंद्र की मोदी सरकार अपने कारपोरेट मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिये बिजली के निजीकरण के लिये पांच बार लोकसभा में बिजली संशोधन बिल ला चुकी हैं, बहुमत होने के बावजूद भी पारित नहीं कर पाये, इससे पहले भी बाजपयी सरकार 2003 मे ऐसा कर चुकी हैं।
इसके बावजूद भी आज चोर दरवाजे से भाजपा की राज्य सरकारे जिनमें महाराष्ट्र, उत्तराखंड , उड़ीसा, दिल्ली तथा हिमाचल सरकार बिजली का निजीकरण कर अपने कारपोरेट मित्रों की सेवा कर रहीं हैं। धरने के उपरांत प्रदर्शनकारियो ने सीएमडी उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को ज्ञापन प्रेक्षित किया। ज्ञापन देने वालों मे मुख्य रूप से राज्य सचिव राजेंद्र पुरोहित, जिला सचिव शिवप्रसाद देवली, अनंत आकाश, लेखराज आदि उपस्थित थे।