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महालया अमावस्या : जानें इसका महत्व और पितरों की श्राद्ध पूजा विधि

उत्तराखण्ड : 30 सितम्बर 2024 ,देहरादून। महालया अमावस्या को पितरों का श्राद्ध और तर्पण के लिए विशेष माना जाता है। वैसे महालया अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस साल महालया अमावस्या 2 अक्टूबर 2024, दिन बधुवार को पड़ रही है। मान्यता है कि अगर किसी पर पितृदोष चल रहा है, तो महालया अमावस्या के दिन पितरों की तर्पण जरुर करना चाहिए।
महालया अमावस्या कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, महालया अमावस्या नवरात्र की शुरुआत और पितृपक्ष के अंत का प्रतीक है। आश्विन माह की अमावस्या तिथि 01 अक्टूबर, 2024 को रात्रि 09 बजकर 38 मिनट पर आरंभ होगी। वहीं इस तिथि का अंत 2 अक्टूबर को रात्रि 12 बजकर 19 मिनट पर होगा, यानी 3 अक्टूबर की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में सूर्य उदय तिथि के अनुसार महालया अमावस्या 02 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
महालया अमावस्या पूजन विधि
इस दिन आप जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद दक्षिण दिशा में पितरों को जल अर्पित करें। महालया अमावस्या पर आप घर पर सात्विक भोजन बनाकर पितरों के नाम का भोजन निकालकर दक्षिण दिशा में रख दें। फिर आप ब्राह्मण, गरीब, गाय, कुत्ता और कौए को भी भोजन खिलाएं। इससे आपके पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसी के साथ शाम के समय दक्षिण दिशा में दीया भी जलाएं।

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