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22 दिनो से मरीज परेशान, नही दी रिपोर्ट ये कैसा PPP मोड, हार कर की चंदन लैब की शिकायत!

उत्तराखण्डः 29 अगस्त 2024, ब्रहस्पतिवार को राजधानी /देहरादून स्थित जिला अस्पताल पं0 दीनदयाल उपाध्यय चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून में एक महिला मरीज 38वर्ष अपने इलाज हेतु दिनांक 07 अगस्त 2024 को कोरोनेशन अस्पताल की ओपीडी में डॉ. एस.डी. सकलानी (सर्जन). को दिखाया था। जिसमें डॉक्टर ने कई ब्लड (8) टेस्ट लिखे । जिसमें से एक टेस्ट FNAC की जांच भी लिखी थी। वहीं इसी के साथ महिला मरीज ने कोरोनेशन अस्पताल में स्थित चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर में अपना ब्लड सैंपल दिया था। और उसी दिन चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर के स्टाफ ने अपने निजी सेंटर में बुलाकर FNAC  की जांच सैंपल लिया।

साथ ही चंदन पैथोलॉजी लैब की स्टाफ सावन व सुमन  का कहना था कि आपको इस जांच की रिपोर्ट 5-7 दिन के अंदर मिल जाएगी। और आपके फोन पर भी हम रिपोर्ट और मैसेज भेज देंगे। लेकिन तब से 22 दिनो से अधिक हो गये पर महीला मरीज को उसके इस FNAC  टेस्ट की रिपोर्ट आज तक नही मिली। जबकि पिछले 22 दिनों से महिल मरीज व उसके पति दोनो जांच रिपोर्ट प्राप्त करने हेतु लगातार चंदन पैथोलॉजी लैब के चक्कर पे चक्कर काट रही है। इस बीच महीला मरीज के पति ने बताया कि मेरी पत्नी की जांच में रिपोर्ट  में इतना विलंब क्यो हो रहा है। वही डॉक्टर सकलानी का कहना है कि जब तक पूरी जांच की रिपोर्ट नहीं आएगी तब तक मैं आगे उपचार नहीं कर पाऊंगा।

साथ ही मेरी पत्नी की तबीयत भी ज्यादा खराब हो रही है और बीमारी भी बढ़ती जा रही है। साथ महिला मरीज के पति ने बताया कि वही दिनांक 21 अगस्त 2024, को अस्पताल के PMS डॉ..वीएस चौहान ने अपने फोन से चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर के मैनेजर मनोज बेनीवाल से फोन पर वार्ता कराई! फोन पर उनका कहना है कि आप हमें 2 घंटे दीजिए। आपकी रुकी हुई जांच रिपोर्ट हम अपडेट करके भेज रहे हैं। जिसमें चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर की इस घोर लापवाही को देखते हुए वही इस संबंध में महिला के पति द्वारा निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,उत्तराखण्ड देहरादून को एक शिकायत पत्र भी दर्ज कराया गया। साथ ही एक शिकायत  सीएमओ देहरादून कार्यालय में दर्ज की गई है। अब देखने वाली बात यह होगी की ओएमओ देहरादून द्वारा इस पर कब और कैसी कार्यवाही करते है।

गौरतलब है कि यहां पैथोलॉजी लैब पीपीपी मोड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चंदन डायग्नोस्टिक से करार करके लैब चलाई जाती है। बता दे कि जिला कोरोनेशन अस्पताल देहरादून में 207 तरह की पैथोलॉजी जांचें मुफ्त, योजना का सीएम पुष्कर सिह धामी ने शुभारंभ किया था। जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से निशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना को प्रदेश के छह जिलों देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल, ऊधमसिंह नगर अल्मोड़ा, एवं टिहरी गढवाल, के 38 जिला व उप जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चरणबद्ध तरीके से लागू किया ।

वही  इस मामले पर हमारे वरिष्ठ संवाददाता कोेे सूत्रो से मिली जानकारी में इस  कोरोनेशन अस्पताल की पैथौलॉजी लैब में पड़ताल की तो हैरान रह गए। पता चला की यहां चंदन पैथोलॉजी लैब (PPP) पीपीपी मोड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चंदन डायग्नोस्टिक से करार करके लैब में मैसर्स चंदन हेल्थ केयर लिमिटेड से अनुबंध में कहा गया था कि लैब वही खून व अन्य जांचे करेगी जो जिला अस्पताल में उपलब्ध नही होती। लेकिन इस चंदन लैब ने अनुबंध को दर किनार करे सभी खून की जांचे व अन्य जांचे जो कोरोनेशन अस्पताल में पहले से हो रही वह सभी टेस्ट खुद कर रहा है। और सरकार से मोटे बिलो पर धनराशी वसूल रहा है। वही सूत्रो ने बताया कि सरकार जिता धन इस पैथोलॉजी जांचें मुफ्त, योजना (PPP) पीपीपी मोड पर देकर कर रही है। यही धनराशी सरकारी अस्पतालो में अगर सरकार खचे करे तो पहाड़ के युवको को रोजगार भी मिलेगा और मरीजो को लाभ भी मिलेगा। इस एक बड़ा सवाल है। आखिर राज्य सरकार व एनएचएम ऐसा कदम क्यों नही उठाती जरा सोचिए। साथ ही कई मरीजो से पता चला है कि इस चंदन लैब की विभिन्ना खून व अन्य जांचो की रिपोर्ट भी गलत पायी जाती है। हल्ला मचाने पर दुबारा सैंपल लेकर अपनी गलतीयों पर पर्दा डलता है।

बता दे की इस अस्पताल में करीब रोज कभी 600 से 700 तक मरीज पंजीकरण कराते हैं। और जिसमें मरीज ओपीडी में दिखाने के बाद करीब रोज 100 से 150 मरीज के कम से कम 6 विभिन्न प्रकार की खून एवं अन्य जाचध् टेस्ट लिखी संख्या हो जाती है। जिसमें से करीब 50-.60 मरीज चंदन डायग्नोज में खून की विभिन्न जांच एवं अन्य टेस्ट करते हैं। और बाकी मैरिज कोरोनेशन की सरकारी लैब में टेस्ट करते हैं!

इस पर गौर फरमाए की रोज करीब 50.-60 मरीजो के विभिन्न ख्ून के टेस्ट जिसमें से एक मरीज के रोज 6 टेस्ट मान लिया जाए तो इस पीपीपी मोड वाले चंदन लैब में एक दिन में 360 जांचे होती हैं, तो एक महीने में कितना बजट सरकार का खर्च होता है। अगर यही बजट सरकारी अस्पतालो की लैब को हाईर्टक बनाने में खर्च किया जाए तो प्रदेश की युवाओ को रोजगार भी मिलेगा और सरकारी लैब का स्तर भी बढ़ेगा। मरीजो में विश्वास भी जागरूक होगा। इस पर भी जरा सोचिएगा!

इस दौरान सरकार के दिशा निर्देश है कि इस योजना के तहत उपचार के दौरान (PPP)  पीपीपी मोड में डायग्नोस्टिक एवं जांच संबंधित सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध होंगी ।  बता दे कि निशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना हेतु ई-निविदा के माध्यम से मैसर्स चंदन हेल्थ केयर लिमिटेड का चयन किया गया है। निशुल्क जांच योजना के लिए इस वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पांच करोड़ बजट का प्रावधान किया गया है।।

EPISODE-2

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