जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी
जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही केंद्रशासित प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है। अधिकारियों ने बताया है कि आदर्श आचार संहिता के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू होंगे, जिसमें सभी उम्मीदवार, राजनीतिक दल और केंद्र शासित प्रदेश की सरकार शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित किसी भी घोषणा या नीतिगत निर्णय के संबंध में आदर्श आचार संहिता केंद्र सरकार पर भी लागू होगी।
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की। इससे 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए सरकार चुनने का मंच तैयार हो गया है। इन चुनावों में पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी पहली बार मतदान करेंगे। यह उन शरणार्थियों के लिए ऐतिहासिक क्षण है, जो लंबे समय से विधानसभा चुनाव में मतदान के अधिकार का इंतजार कर रहे थे। इसके अलावा यह पहला मौका है जब पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों के साथ-साथ वाल्मीकि समाज के सदस्यों को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों में मतदान करने का अवसर मिलेगा। यह समुदाय हाल तक केवल लोकसभा चुनावों में ही वोट देने का पात्र था। हम आपको बता दें कि इसमें मुख्य रूप से हिंदू और सिख शामिल हैं, जो 1947 में पाकिस्तान से भारत आये थे।