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एमसीडी, पुलिस को दिल्ली पुलिस को मिली फटकार..!

नई दिल्ली, 2 अगस्त 2024 शुक्रवार को देश की राजधानी दिल्ली में  उच्च न्यायालय  दिल्ली ने को कहा कि वह समझ नहीं पा रहा है कि तीन यूपीएससी अभ्यर्थी कैसे डूब गए, इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि ऐसी घटनाएं नियमित हो गई हैं और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारी बेपरवाह लगते हैं।

इस दौरान दिल्ली कोर्ट ने सार्वजनिक प्राधिकरणों को उनके खराब प्रदर्शन के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि सार्वजनिक प्राधिकरण हाल ही में अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं कर रहे हैं। अदालत ने एसयूवी चालक को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई और कहा कि वह केवल वहां से गुजर रहा था और इस कार्रवाई को अनुचित बताया।

साथ ही अदालत ने कहा कि दया की बात है कि आपने बेसमेंट में घुसने के लिए बारिश के पानी का चालान नहीं किया है, जिस तरह आपने एसयूवी ड्राइवर को वहां कार चलाने के लिए गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने कहा कि पुलिस दोषियों को पकड़कर और निर्दोषों की रक्षा करके सम्मान अर्जित करती है।

इसने यह भी चेतावनी दी कि निर्दोषों को गिरफ्तार करना और दोषियों को छोड़ देना घोर अन्याय होगा। इसमें यह भी कहा गया कि किसी की सत्ता की स्थिति की परवाह किए बिना जवाबदेही महत्वपूर्ण है। अदालत ने पूछा कि क्या दिल्ली पुलिस ने भवन योजना को मंजूरी देने वाले अधिकारी से पूछताछ की थी और पूछा था कि क्या जांच अधिकारी की केस डायरी में उल्लेख किया गया था कि प्राथमिक जल निकासी गैर-कार्यात्मक थी।

वही जिसमें 0 वर्षीय व्यवसायी मनुज कथूरिया ने मध्य दिल्ली के पुराने राजिंदर नगर में बारिश से भरी सड़क पर अपना स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) चलाया, जिससे कथित तौर पर पानी बढ़ गया और तीन मंजिला राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल के गेट टूट गए। इमारत, उसके बेसमेंट में पानी भर गया।इसमें पूछा गया कि एमसीडी अधिकारियों ने इलाके में काम नहीं कर रहे बरसाती पानी के नालों के बारे में कमिश्नर को जानकारी क्यों नहीं दी।

इस दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि एमसीडी अधिकारियों को कोई परेशानी नहीं है और यह एक आदर्श बन गया है।

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