सीएम धामी ने Doctor’s Day पर चिकित्सकों को सम्मानित किया!

उत्तराखंड: 01 जुलाई 2025, मंगलवार को देहरादून / राजधानी स्थित मुख्यमंत्री आवास में डॉक्टर्स डे पर आयोजित कार्यक्रम पर सभी चिकित्सकों को राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आप लोग अपनी सेवा, समर्पण और करुणा से अनगिनत लोगों के जीवन को संजीवनी प्रदान करते हैं। भारतीय संस्कृति में ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म का एक अद्वितीय संगम देखने को मिलता है, हमारी संस्कृति केवल आस्था और विश्वास पर ही आधारित नहीं है बल्कि ये गहरे वैज्ञानिक दृष्टिकोण, चिंतन और शोध का परिणाम भी है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आए प्रत्येक चिकित्सक से मिलकर उनसे बातचीत की तथा उन्हें सम्मानित किया।
वही इस कार्यक्रम में डॉ आर के जैन, डॉ गीता खन्ना, डॉ सुनीता टमटा, डॉ कृष्ण अवतार, डॉ आर एस बिष्ट, डॉ अशोक कुमार, डॉ आशुतोष स्याना, डॉ महेश कुड़ियाल, डॉ प्रशांत, डॉ नंदन बिष्ट सहित सभी प्रमुख सरकारी व निजी अस्पतालो के चिकित्सक उपस्थित थे।
सीएम धामी ने सभी चिकित्सकों का आह्वान करते हुए कहा कि डॉक्टरी का पेशा केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि एक “नोबल प्रोफेशन“ है, जो सेवा, संवेदना और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जनता के मन में डॉक्टर के प्रति जो आस्था, सम्मान और श्रद्धा है, उसे और मजबूत करें। सभी चिकित्सकों से अनुरोध है कि अपने आचरण, सेवा और समर्पण से हमेशा अपनी उस छवि को जीवित रखें, जो समाज ने डॉक्टर को ’धरती का भगवान’ कहकर दी है।
साथ ही उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण हेतु निरंतर प्रयासरत है। हमारा प्रयास है कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सुविधाएँ सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जा सकें। हमने आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक करीब 58 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किए हैं। जिसके माध्यम से, प्रदेश के लगभग 11 लाख से अधिक मरीजों को 2100 करोड़ रुपये से अधिक के कैशलेस उपचार का लाभ प्राप्त हो चुका है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि आचार्य नागार्जुन जिन्होंने सदियों पहले सोना, चांदी, तांबे, लौह, पारा व अभ्रक आदि का इस्तेमाल कर औषधीय भस्म बनाने की विधि तैयार की थी या महर्षि सुश्रुत जिन्होंने जटिल से जटिल शल्य चिकित्सा के सिद्धांत प्रतिपादित किए थे। यह सभी भारत के वो वैज्ञानिक स्तंभ हैं जिनके सिद्धांतों पर आज का आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी गर्व करता है। आज आप सभी आधुनिक विज्ञान के माध्यम से भारत की ज्ञान परंपरा को अपनी सेवा और समर्पण द्वारा जीवंत बनाए हुए हैं। डॉक्टर्स केवल बीमारियों का उपचार नहीं करते, बल्कि उस संकट की घड़ी में जीवन की सबसे बड़ी आशा भी बन जाते हैं, जब रोगी और उसके परिवार के सामने अंधकार छा जाता है।
ऐसे समय डॉक्टर्स अपने धैर्य, ज्ञान और सेवा-भाव से उस अंधेरे में रोशनी की किरण बन उनका जीवन बचाने का कार्य करते हैं। मनुष्य के जन्म लेने से लेकर उसके अंतिम समय तक डॉक्टर की भूमिका निरंतर बनी रहती है। साथ ही उन्होने मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब पूरा विश्व गंभीर संकट से जूझ रहा था, उस समय चिकित्सक निःस्वार्थ सेवा में जुटे हुए थे।